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कौन सा कर्पूर प्रयोग करते है आप कृत्रिम रसायन वाला या प्राकृतिक ?
गोधूली परिवार द्वारा आपको शुद्धतम कर्पूर उपलब्ध करवाया जा रहा है!
कर्पूर या कपूर मोम की तरह उड़नशील दिव्य वानस्पतिक द्रव्य है।
इसे अक्सर आरती के बाद या आरती करते वक्त जलाया जाता है जिससे वातावरण में सुगंध फैल जाती है और मन एवं मस्तिष्क को शांति मिलती है।
कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफूर और अंग्रेजी में कैंफर कहते हैं।
वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में भी इसके महत्व और उपयोग के बारे में बताया गया है। कर्पूर के कई औषधि के रूप में भी कई फायदे हैं।
आज कल पूजा में इस्तेमाल होनेवाला ज्यादातर कपूर केमिकल निर्मित होता है, जिसका केमिकल फार्मूला है C10H16O मतलब 4,7,7-trimethylbicyclo[2.2.1]heptan-3-one
ज्यादातर इसे Geranyl Pyrophosphate नाम के केमीकल से बनाया जाता है ।
यहाँ तक की कई जगह पर भीमसेनी कपूर की जगह process किया हुआ केमिकल वाला कपूर दिया जाता है ।
ऐसे कपूर के सेवन से अथवा इसकी भाप सासों द्वारा लेने से शरीर पर विषैला प्रभाव पड़ता है जैसे की पेट दर्द, उल्टी, आँखों से काम दिखाई देना, चेहरे का सूज जाना, दुर्बलता, पेशाब में जलन या रुक जाना आदि …
केमिकल कपूर के कारण कैंसर, किडनी failure जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती है ।
छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए तो ये और भी हानिकारक है, छोटे बच्चों में इसके कारण अस्थमा, दस्त, और अधिक गंभीर परिणाम हो सकते है।
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भीमसेनी कर्पूर (कपूर) के चमत्कारिक प्रभाव
कर्पूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाएं।
*पितृदोष और कालसर्पदोष से मुक्ति हेत*
कर्पूर जलाने से कालोसपॅदोष व पितृदोष का शमन होता है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है। दरअसल, यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र है। इसको दूर करने के लिए घर के वास्तु को ठीक करें।
यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कर्पूर जलाएं। घर के शौचालय और बाथरूप में कर्पूर की 10gm कपूर रख दें। बस इतना उपाय ही काफी है।
*आकस्मिक घटना या दुर्घटना से बचाव*
आकस्मिक घटना या दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं। इसके अलावा हमारी तंद्रा और क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। इसके लिए रात्रि में 27 बार घंटाकणॅ महावीर दादा का पाठ करने के बाद कर्पूर जलाएं।
प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कर्पूर जलता रहता है उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती। रात्रि में सोने से पूर्व कर्पूर जलाकर सोना तो और भी लाभदायक है।
*सकारात्मक उर्जा और शांति के लिए*
घर में यदि सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना है तो प्रतिदिन सुबह और शाम कर्पूर को घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाएगी। दु:स्वप्न नहीं आएंगे और घर में अमन शांति बनी रहेगी है। वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि इसकी सुगंध से वातावरण शुद्ध हो जाता है तथा बीमारी होने का भय भी नहीं रहता।
*वास्तु दोष मिटाने के लिए*
यदि घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष निर्मित हो रहा है तो वहां कर्पूर की 2pc रख दें। जब वह कपूर गलकर समाप्त हो जाए तब दूसरी दो कपूर रख दें। इस तरह बदलते रहेंगे तो वास्तुदोष निर्मित नहीं होगा।
*भाग्य उन्नति के लिए*
पानी में कर्पूर के की कुछ टिकी को डालकर नहाएं। यह आपको तरोताजा तो रखेगा ही आपके भाग्य को भी चमकाएगा। यदि इस में कुछ बूंदें चमेली के तेल की भी डाल लेंगे तो इससे राहु, केतु और शनि का दोष नहीं रहेगा, लेकिन ऐसे सिर्फ शनिवार को ही करें।
*धन-धान्य बंधन हटाने के लिए*
रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चांदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जला दिया करें। यह कार्य नित्य प्रतिदिन करेंगे तो धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा। धन की कभी कमी नहीं होगी।
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